कई बार मुसीबत और बढ़ जाती है
बूटीबोरी, संवाददाता. बूटीबोरी नगर में बोगस डाक्टरों की इस समय बाढ़ जैसी आ गई है. हर गली मोहल्ले में डाक्टरों के बोर्ड लगे हुए है जो हर बीमारी का इलाज का दावा भी करते है. ऐसे बोगस डाक्टर जिनके पास डिग्री है या नहीं इनकी जांच उचित जांच होना आवश्यक है. बड़े-बड़े वादे कर यह मरीजों को बिना जानकारी के दवा देते हैं. जिसके कारण मरीजों की तबीयत बिगड़ने पर फिर वह एक बड़े दवाखाने का सहारा लेना पड़ता है. इस तरह से जनता गरीब जनता की जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है. ऐसे बोगस डाक्टरों की जरूर उचित जांच होना आवश्यक है.
बूटीबोरी में एशियाखंड की सबसे बड़ी औद्योगिक बनी हुई है जहां हजारों कामगार कंपनियों में जाकर अपना जीवनयापन – चलाते है. इस औद्योगिक इकाई की वजह से बूटीबोरी की जनसंख्या करीब लाखों में हो चुकी है. जिसके कारण यहां बूटीबोरी, टाकलघाट, टेमरी, गणेशपुर, सातगांव और आसपास के गांवों में झोलाछाप डाक्टरों की भी संख्या बढ़ चुकी हैं. जो अंधेरे में खूब तीर मार रहे हैं. और इसकी जिम्मेदारी समझकर मरीजों का खूब इलाज करते हैं. कार्रवाई की मांग
इस समय बरसात में प्राकृतिक मौसम की बीमारियों का प्रकोप रहता है. आंख की बीमारी, बुखार, मलेरिया जैसी बीमारी फैल रही है. और डाक्टर बोगस डॉक्टर अपनी मर्जीनुसार मरीजों को दवा देते है.
इसके कारण मरीजों की तबीयत बिगड़ती है. फिर वह बड़े दवाखाने जाने की सलाह देते है. जिसके कारण गरीब मरीजों की आर्थिक व मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है. प्रशासन से हर गली मोहल्ले में दूकान लगाकर बैठे इन बोगस डाक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है.