बूटीबोरी. बूटीबोरी शहर में एशिया खंड की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई बनी हुई है. जिसमें सैकड़ों कंपनियां होने के कारण हजारों कामगार यहां अलग-अलग राज्यों से आकर कंपनियों में काम कर रहे और अपना जीवन यापन चला रहे है. लेकिन एमआईडीसी में अवैध पार्किंग की वजह से छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बड़े वाहन जो कंपनियों में लोडिंग, अनलोडिंग के लिए आते ता हैं. वह अपने ट्रक कहीं पर भी खड़े कर कंपनी निमें अपना नंबर आने का इंतजार करते है. कभी-कभी तो वह रोड पर ही अपना ट्रक खड़े कर खाना बनाने की तैयारी कर लेते है. वह ट्रक करीब 2 दिनों तक वहीं पर खड़े रहता है. चाहे रोड छोटा या या बड़ा थोड़ी सी भी जगह मिलने पर अपना ट्रक जो दस चक्का, बारह चक्का जैसे बड़े-बड़े ट्रकों को एमआईडीसी रोड पर कहीं पर भी खड़े कर देते है. इससे बाइक सवार को समझ में नहीं आता है कि इन खड़े ट्रकों के पीछे से कौन वाहन आने वाला है. ऐसी स्थिति में हमेशा दुर्घटनाएं हो रही है. यहीं हाल कंपनी के कर्मचारियों का है. जो अपनी कार रोड पर ही खड़ी कर काम पर सुबह से शाम तक रहते है. – और कार रोड के किनारे पर ही खड़ी रहती है.
नो पार्किंग की उड़ रही धज्जियां
एमआईडीसी में बनी इंडोरामा कंपनी के सामने छोटे बड़े ट्रकों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है. लेकिन ट्रकों को वहां पर नहीं लगाते हुए वह रोड पर ही अपना राज चला रहे है. इससे पार्किंग के ठेकेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
शीघ्र कार्रवाई होगी
एमआईडीसी थाने के थानेदार महादेव आरचेकर ने बताया कि ट्रक वालों की यह समस्या पहले से ही जनता को परेशान कर रही है. पार्किंग होते हुए भी ट्रक चालक अपने ट्रकों को कहीं पर भी खड़े कर रहे है. इस पर जरूर कार्रवाई होगी. नो पार्किंग एरिया में जहां पर भी ट्रक खड़े दिखेंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी. किसी को भी नहीं बख्शा जायेगा.
परेशानी बहुत दिनों से
कामगार नेता बल्लु श्रीवास ने बताया कि इस तरह की परेशानी काफी दिनों से चली आ रही है. सबसे ज्यादा परेशानी रिलायंस कंपनी के पास वाले रोड पर है. वहां पर ट्रकों की लाइन लगी रहती है. पार्किंग के ठेकेदार के कान पर जू तक नहीं रेंगती है. ट्रक के बीचो बीच सिर्फ छोटी कार ही निकालने की जगह ट्रक वाले रखते है. रात के समय ट्रक वालों को इस बारे में किसी ने भी बोला तो झगड़े जैसी स्थिति बन जाती है. हमेशा बाइक चालकों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं. वाहन पार्किंग ठेकेदार एवं पुलिस दोनों ने ही इस मामले में चुप्पी साध रखी है. इससे वाहन चालकों की समस्या हल होने की अपेक्षा और बढ़ती ही जा रही है. गाड़ी कहीं पर भी खड़ी करो. दुर्घटना हो या कुछ भी. गरीब जनता ही इसका भुगतमान भुगतेगी. पुलिस प्रशासन ने इस ओर शीघ्र ध्यान देकर कार्रवाई करना जरूरी है. एमआइडीसी में एक अलग ही पुलिस स्टेशन दिया गया है. लेकिन प्रशासन इस वहीं की समस्याओं की ओर अनदेखी क्यों कर रहा है यह समझ में नहीं आता है. नो पार्किंग की जगह गाड़ी खड़ी करना, पार्किंग की जगह गाड़ी नहीं खड़ी करना यह प्रशासन के नियमों का सरासर उल्लंघन है इसके बावजूद प्रशासन नींद में कैसे है यह समझ में नहीं आता है.