बूटीबोरी,. बूटीबोरी नगर एशिया खंड की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई मानी जाती है. जिसमें सैकड़ों कंपनियां उपलब्ध होने के कारण यहां हजारों की संख्या में कामगार अपना जीवन यापन कर रहे हैं. जो अपने परिवार के साथ बूटीबोरी में कोई किराये से तो कोई अपना खुद का आशियाना बनाकर रह रहा है. वे बूटीबोरी में अपनी आय के हिसाब से बच्चों की पढ़ाई करा रहे है.
लेकिन बूटीबोरी में ट्यूशन क्लासों की भरमार होने के कारण पालक कन्फ्यूजन हो रहे है. ट्यूशन क्लासों की दूकानों जैसी भरमार से और बड़ी-बड़ी ट्यूशन क्लास की चकाचौध देखकर छात्र- छात्राएं अपने पालकों को चकाचौंध वाली ट्यूशन क्लासों में जाने के लिए मजबूर कर देते है. जिसके कारण बजट बिगड़ जाता है. ऐसी स्थिति में पालकों को कन्फ्यूजन होना पड़ता है.
जगह-जगह लगे बड़े-बड़े बैनर व एसी व फर्नीचर से सुसज्जित बड़ी बड़ी ट्यूशन क्लासों की भरमार जो ट्यूशन संचालकों द्वारा 2 वर्ष की संपूर्ण फीस एक साथ या किश्तों में लेकर अपनी जेब भर रहे है. ऐसे में छात्र स्कूल नहीं जाते हुए ट्यूशन क्लास की ओर खींच रहे है. स्कूल में सिर्फ दाखिला बाकी सब ट्यूशन पर इसमें गरीबों की उम्मीदों पर पानी फेरने के बराबर हो गया बताया गया कि इस तरह से पालक व छात्र- छात्राओं का ध्यान भटकने से इसका सीधा असर सामान्य जनता पर पड़ता है.
इसलिए यदि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को ट्यूशन क्लास जैसी शिक्षा दी जाये तो जरूर गरीबों का भला होगा और गरीब सामान्य नागरिकों के बच्चे भी पढ़ने में पीछे नहीं रहेंगे. प्रशासन द्वारा इस पर अमल करना जरूरी है. इन बड़ी-बड़ी इमारतों में बड़ी-बड़ी ट्यूशन क्लासों में साल भर की लाखें रुपये की फीस को ध्यान में रखकर प्रशासन ने उन ट्युशन की दूकानों पर अंकुश लगाने की मांग कुछ जागरूक लोगों ने की है.