बूटीबोरी. नगर की एम. एशियाखंड की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई के नाम से जानी जाती है. लेकिन इसके मेन रोड़ को देखकर हो ऐसा लगता है मानों किसी उजडे हुये गांव के तरफ रस्ता गया हो. रोड़ की संपूर्ण हालत दयनीय हो चुकी है. लेकिन प्रशासन के कान में पर जूं तक नहीं रेंगतीं जगह जगह गड्ढे और नाली नुमा गढढो से परेशान वाहन चालकों वाहन चलाना मुश्कील होता है. बुटीबोरी से इस एम.आई.डी.सी. से सेकडो कॅम्पनियाँ

होने के कारण हजारो कामगार इसी मेन मर्ग कम्पनियाँ में रात दीन आना जाना करते है. लेकीन इस मार्ग की दुर्रदशा वहान चालाना मुशकील हो रहा है. रात के समय बड़े बड़े ट्रक, ट्रेलर इस मार्ग से आना जाना करते है. और बाईक चालकों को रात के समय बाईक चलकाको सरकस मे बाईक चलाने से भी कम नहीं हो रहा है. कई बार तो पीछे आरहे ट्रक टेलर के संतुलन खो जाता है. जिसके कारण हमेशा र्दुघटनायों का भीकारण बना रहता है.
समस्या हल न हुई तो आंदोलन
तुषार डेरकर (शिवसेना तालुका प्रमुख ना.ग्रा.) ने कहा कि यह मार्ग कई वर्षों से इसी तरह पड़ा हुआ है. इस मार्ग पर आ अधिकारी व कई लोगों का आना जाना इस मार्ग पर कई बार हो रहा है लेकिन किसी भी आला अधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती इस उबड, खाबड रोड पर कई दुर्घटनाएं भी हुई है. कई जानें भी जा चुकी है लेकिन किसी को कोई फकि न पड़ा. यह वाहन चालकों के साथ नाइंसाफी है और कंपनी के कामगारों के साथ बाइक पर अपनी ड्यूटी जाते हैं. उनके साथ भी नाइंसाफी है. कब और कौन इस पर दुर्घटना का शिकार होगा यह कहा नहीं जा सकता.