बूटीबोरी. विकास के नाम पर वृक्षों की जो कटाई हो रही है, उससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है.
वृक्षों की अवैध कटाई का अंतहीन सिलसिला जारी है, उसे रोकने के लिए चंद लोग ही सामने आते हैं. वर्तमान में जंगलों की कटाई की घटनाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं.
जंगल में बढ़ी औषधियुक्त वनस्पति बेहला, महुआ, कंदमुल, बास आदि के माध्यम से जंगल की संपत्ति तो समृद्ध होती ही है .
साथ ही जंगल की औषधि युक्त वनस्पति से बहुत से लोगों के प्राणों की रक्षा भी होती है इसलिए जंगलों में हो रही अवैध वृक्ष कटौती पर रोक लगाना बहुत जरूरी है. पर्यावरण के प्रति सभी को जागरूक होना जरूरी हो गया है