समस्या वाहन चालक हो रहे परेशान, रोज हो रहा ट्रैफिक जाम, अब तक नहीं हुआ समाधान

बूटीबोरी महज साढ़े 3 साल पहले बने नवनिर्मित बूटीबोरी पुल पर दरार आने के कारण पिछले 50 दिनों से यातायात अवरुद्ध है. अगले 2 महीने तक इस पुल की मरम्मत होने की कोई संभावना नहीं होने के कारण वर्धा, यवतमाल, नांदेड़ और हैदराबाद की ओर जाने वाले वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ लोग लंबा चक्कर काटकर आगे बढ़ रहे हैं, समृद्धि मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जबकि अन्य कन्होलीबारा मार्ग का उपयोग कर रहे हैं. हैदराबाद मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. तेलंगाना की सीमा तक महामार्ग पर गड्डों की वजह से परेशानी हो रही हैं. हिंगनघाट पर पुल का काम लंबे समय से प्रलंबित था. बुटीबोरी उड़ानपुल 24 दिसंबर को टूट गया. पश्चात यह अनुमान लगाया गया था कि 2 2 से 4 दिनों के भीतर क्षतिग्रस्त पुल का काम पूरा हो जाएगा. हालांकि काम लंबा खींच गया और यातायात जाम होने लगा. अंततः 10 जनवरी को नागपुर ग्रामीण परिवहन शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमेश धूमल ने एक अधिसूचना जारी कर पुल को 3 महीने के लिए बंद कर दिया. बूटीबोरी में 70 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन 17 जून 2021 को किया गया था.

यह पुल परिवहन के लिए सुरक्षित नहीं है, यह मात्र साढ़े 3 साल की अवधि में ही स्पष्ट हो गया है. फ्लाईओवर बंद होने का मतलब है कि चारपहिया वाहनों को अपनी यात्रा जारी रखने के लिए 18 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा. भारी वाहनों के लिए बनाए गए इस पुल में दरारें आ गई जिसके कारण स्लैब का एक हिस्सा ढह गया. बूटीबोरी फ्लाईओवर की मरम्मत का काम कई दिनों से लंबित है, इसलिए यह फ्लाईओवर बंद कर दिया गया है. भारी यातायात को पुल के नीचे से मोड़ दिया गया. इसलिए यहां हर दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है. इस परिस्थिति के बावजूद वाहनों का आवागमन जारी था. यह दावा किया गया कि कंक्रीट भार सहन नहीं कर पाया लेकिन पुल के निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए हैं. वीएनआईटी के विशेषज्ञों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने दरार वाले क्षेत्रों में निर्माण के नमूने लिए और उनका अध्ययन किया. इसके अलावा फ्लाईओवर के टूटे हुए हिस्से का नये सिरे से निर्माण करने की भी सिफारिश की गई. सूत्रों ने संकेत दिया है कि प्राधिकरण मेसर्स टीएंडएच कंपनी के खराब और घटिया निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. नये निर्माण का खामियाजा ठेकेदार को उठाना पड़ेगा.

विपक्षी पार्टियां क्या कर रही हैं?
केवल साढ़े 3 वर्ष में पुल की यह हालत अत्यंत घटिया निर्माण का संकेत है. प्राधिकरण के सूत्रों ने माना कि संबंधित लोगों की जिम्मेदारी निर्धारित करना आवश्यक है. यद्यपि यह राष्ट्रीय मुद्दा है. हालांकि इस मामले में विपक्षी दल की चुप्पी से आश्चर्य भी व्यक्त किया जा रहा है.

राहगीर ग्रामवासी भी परेशान
आगामी 9 अप्रैल तक के लिए इस पुल से आवागमन पर रोक लागई गई है. वर्धा, चंद्रपुर, यवतमाल, हैदराबाद से उत्तर की ओर आने वाले वाहनों को समृद्धि मार्ग से पहले वर्चा रोड पर वाई पॉइंट से एनसीसी चौक व बूटीबोरी एमआयडीसी की ओर
यातायात को मोड़ा जा रहा है जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति से वाहन चालक व स्थानीय लोग
त्रस्त हो गए हैं. ईंधन और समय की बर्बादी हो रही है