करोड़ों रुपये गये पानी में

बूटीबोरी. बूटीबोरी नगर में आये दिनों कुछ न कुछ समस्याएं सामने आती रहती हैं. एशिया खंड की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई माने जाने वाली एमआईडीसी में समस्याओं का अंबार लगास हुआ है. कभी पार्किंग को लेकर तो कभी सर्विस रोड को इसह तरह कुछ ही दिनों पूर्व नये बस स्टैंड का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन किया गया था. लेकिन ढाई करोड़ की लागत से बना यह बस स्टैंड अब उपेक्षित दिखाई दे रहा है. बस स्टैंड पर पांच प्लेटफार्म व सभी सुविधाएं होते हुए भी वहां महामंडल की बसें नहीं ही पहुंच रही है. दिनभर बस स्टैंड पर सन्नाटा छाया रहता है. इस बस स्टैंड को बनाने में काफी समय और पैसा खर्च हुआ. लेकिन सरकार की संपूर्ण निधि पानी में चली गई. बसें बूटीबोरी के सर्विस रोड से ही यात्रियों को भरकर आगे निकल जाती है. लेकिन इस बस स्टैंड पर जाना मुश्किल हो रहा है. किसी यात्री ने महामंडल की बस के कंडक्टर से पूछा बस स्टैंड में बसें क्यों नहीं जाती है इस पर कंडक्टर ने बताया आना-जाना पुराता नहीं है. यह एक गंभीर समस्या है. नागरिकों ने सवाल किया कि बसों को यदि बस स्टैंड के अंदर ही नहीं ले जाना था तो फिर बस स्टैंड के निर्माण पर खर्च क्यों किये गये

कुछ दिनों में न बन जाएं खंडहर

बस स्टैंड का काम जब रुक गया था उस समय यहीं बस स्टैंड शराबियों, जुआरियों का अड्डा बन गया था. कहीं यहीं हाल तो फिर से नहीं होगा. नागरिकों ने महामंडल के अधिकारियों का ध्यानाकर्षित कर बसों को बस स्टैंड के भीतर ले जाने की भी मांग की.